हर कोई परेशान है मेरे कम बोलने से और मैं तंग हूं मेरे अंदर के शोर से. . . .
मुझको छोड़ने की बजह तो बता जाते, तुम मुझसे बेज़ार थे या हम जैसे हज़ार थे।
पानी चाहे समुद्र में हो या आँखों में, राज और गहराई दोनों में होती है।🌊😭
भूल गये है कुछ लोग इस तरह
यकीन मानो यकीन नहीं आता
दिल आज तकलीफ़ में है,
और तकलीफ़ देने वाला दिल में!
किसी चीज की कमी को उदासी नहीं, बल्कि ज़रुरत और जुनून बनाइये उस चीज को पाने में I"
होती अगर गुज़ाईशें तो देख लेते हम; ये ज़िंदगी
तो वाकई में देखी नहीं जाती…
कौन कहता है नेचर और सिग्नेचर कभी नही बदलतें हैं, अगर हाथ पर चोट लगे तो सिग्नेचर बदल जाता है, और चोट अगर दिल पर हो तो नेचर बदल जाता है।
ना छेड़ो ग़मों की राख को, इसमें भी अंगारे होते हैं...हर दिल में एक समुन्दर होता है, तभी आंसू खारे होते हैं..
बेशक तेरे फ़ोन की कोई उम्मीद तो नहीं लेकिन
पता नहीं क्या सोचकर मैं आज भी नंबर नहीं बदलता
बस यही दो मसले जिंदगी भर ना हल हुए,
ना नीद पूरी हुई ना ख्वाब मुकम्मल हुए।
अब मत खोलना मेरी ज़िंदगी की पुरानी किताबों को..
जो था वो मैं रहा नहीं, जो हूं वो किसी को पता नहीं!
एक बात हमेशा याद रखना दुनिया में तुम्हे मेरे जैसे बहुत मिलेंगे, लेकिन उनमे तुम्हे हम नही मिलेंगे।
जितना प्यार तेरी बातों में था,
काश तेरे दिल में भी होता।💔
ना खोल मेरे दिल के उदास दरवाजे
दर्द के शोर मुझे चैन से जीने नहीं देंगे
जरूरी है बहुत जिंदगी में इश्क मगर,
ये जानलेवा जरूरत खुदा किसी को ना दे…
कैसे शुक्रिया अदा करूं मैं उनका, वो मुझ से दूर क्या हुई, मैं अपने आप के बहुत पास हो गया।"
दर्द का कहर बस इतना सा है…आँखें बोलने
लगी और आवाज़ रूठ गयी..
जब रिश्ता नया होता है तो लोग बात करने के बहाने ढूंढते हैं, लेकिन जब वही रिश्ता पुराना हो जाता है न तो लोग दूर जाने के बहाने ढूंढते हैं।
ज़िन्दगी में मंज़िले तो मिल ही जाती हैं ..लेकिन वो लोग नहीं मिलते जिन्हें दिल से चाहा हो💯💯
यूँ ज़िन्दगी में ऐसा ही क्यों होता है
जिससे हम बहुत प्यार करते है ज़िन्दगी उसे
हमसे बहुत दूर कर देती है
मत किया कर ऐ दिल किसी से मोहब्बत इतनी,
जो लोग बात नही करते वो प्यार क्या करेंगे।
तुम में और मुझ में बस इतना ही अंतर है, की तुम सब कहती हो, समझती नहीं हो। मैं हर बात समझता हूँ
, कहता नहीं हूँ।"
बहुत शौक था मुझे सबको खुश रखने का; होश तब आया
जब खुद को ज़रूरत के वक़्त अकेला पाया!!
औरत अगर रिश्ता निभाना चाहे तो झोपड़ी में भी खुश रहती है, लेकिन औरत रिश्ता न निभाना चाहे तो महलों को भी ठुकरा देती है।
किस्मत का भी कोई कसूर नहीं, कई बार हम मांग भी वो लेते हैं जो किसी और का होता है।😥
धोखा देने का शुक्रिया ऐ मेरे बिछड़े हुए हमसफ़र
वरना ज़िन्दगी का मतलब ही नहीं समझ में आता
जैसे खुशी के आंसू होते हैं, वैसे ही गम
की भी हँसी होती है।
इश्क क्या है इसको समझो यारों, इश्क एक दर्द है इस दर्द को सम्हालो यारो।
हालात ने तोड़ दिया हमें कच्चे धागे की तरह,
वरना हमारे वादे भी कभी ज़ंजीर हुआ करते थे..
इतना दर्द तो मौत भी नही देती, जितनी दर्द तेरी
ख़ामोशी दे रही है।
खुद को माफ़ नही कर पाओगे, जिस दिन जिंदगी
में हमारी कमी पाओगे.😊
गैर की बातो पे तुम्हें ऐतबार आ ही गया
मेरे जानिब से तेरे दिल में क्रोध आ ही गया
जबरदस्ती किसी की लाईफ का हिस्सा बनने से अच्छा है कि खुद को संभालो और उसकी लाइफ से दूर हो जाओ।
एक इल्म ऐसा था कि इल्ज़ाम मुझ पर लगा, मौत का वो मुझे बेगाना कर गए कातिल कह के।
मैंने अक्सर उन दुकानों को भी लूटते देखा हैं…जो दिनभर ताले बेचा करते हैं।
हंसकर कबूल क्या करली सजाएं हमने, हम पर इल्जाम लगाने का दस्तूर बना दिया इस जमाने ने।
यहाँ लोग अपनी गलती नही मानते, किसी और
को अपना क्या मानेंगें.💯💯
ऐसे माहोल में दवा क्या दुआ क्या है
जहां अपने ही पूछा हुआ क्या है हुआ क्या है
आज एक दौर बीत गया, एक ज़माना बीत गया, और वो इश्क में आज भी नहाए हुए से नज़र आते हैं।
बहुत से रिश्ते इसलिए खत्म हो जाते हैं, क्योंकि एक सही बोल नही पाता और दूसरा सही समझ नही पाता।
ख़ुदा जाने कौनसा गुनाह कर बैठे है हम कि, तमन्नाओं वाली उम्र में तजुर्बे मिल रहे है।
तेरे बाद हमारा हम दर्द कौन बनेगा, हमने तो सब
छोड़ दिया तुझे पाने की जिद्द में।
समझ में नहीं आता कि किस पर भरोसा करू, यहां तो लोग नफरत भी करते है मोहब्बत की तरह !!💔💔
सांसों में भी शामिल हो लहू में भी रवा हो
मगर मेरे हाथो की लकीरो मे तुम कहा हो
सांसे किसी का इंतजार नही करती
चलती हैं या चली जाती हैं..
मैं घिर गयाहूँ उनके ख्वाबो में आके, अब मेरी
खबर कैसे जाएगी उन तक।
” मैं हूं ना ” कहने वाला शख़्स ना जाने उस वक्त कहाँ होता है जब उसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है।
न रहा करो उदास किसी वेबफा की याद में, वो खुश है अपनी दुनिया में तुम्हारी दुनिया उजाड़ के।
आखिर कैसे भुला दे हम उन्हें... मौत इंसानो को आती है यादों को नहीं..💔
तू मिले न मिले ये मुकद्दर की बात है
सुकून बहुत मिलता है तुझे अपना सोच कर
दर्द अक्सर उन्हें ही मिलता है,
जो रिश्ते दिल से निभाया करते हैं !!
दिन चढ़ता गया, मैं तबाह होता गया,
उनकी याद में मैं बेहिसाब पीता गया।
बदला नहीं हूं मैं, मेरी भी कुछ कहानी है; बुरा
बन गया मैं….बस अपनों की मेहरबानी है।
टूटे हुए दिल भी धड़कतें हैं उम्र भर, चाहें किसी
की याद में चाहे किसी की फरियाद में।
ना वो मिल रहे हैं, ना जीने का मजा आ रहा है, बस उन्हें पाने की चाहत में वक़्त बिता जा रहा है।😊
यूँ तो गलत नहीं होते अन्दाज़ चेहरों के
लेकिन लोग वैसे भी नहीं होते जैसे नज़र आते है
वो जिंदगी भी मौत से कम नही है
अगर दिल में रहने वाले जिंदगी में नही हैं।
जीते रहे उनकी याद में हम, दर्द हजार लेकर जब उनसे मिले, तो पता चला कि दर्द लाखों का था।
जीते रहे उनकी याद में हम, दर्द हजार लेकर जब उनसे मिले, तो पता चला कि दर्द लाखों का था।
हम अब कैसे करें तेरे प्यार को खुद के काबिल जब हम आदतें बदलतें हैं, तुम अपनी शर्तें बदल देते हो।
बदले बदले से हो जनाब क्या बात हो गई, शिकायत हमसे हैं या किसी और से मुलाकात हो गई।😔💔
सुनो कोई टूट रहा है तुम्हे एहसास दिलाते दिलाते
सीख भी जाओ किसी की चाहत की कदर करना
गलत तो नही थे हम, पर खुद को सही
साबित नही कर पाए।
रिश्तों में जब झूठ बोलने की शुरुआत हो, तब समझ
लो रिश्ते का अंत नजदीक हैं ।
हमने तो वो खोया जो कभी हमारा था ही नही,
लेकिन तूने वो खोया जो कभी सिर्फ तेरा था।
तमन्ना थी, कि कोई टूटकर चाहे हमे। मगर हम खुद ही टूट गए किसी को चाहते चाहते।💔
नहीं तुझसे कोई शिकायत बस इतनी सी इल्तिजा है
जो हाल कर गए हो कभी देखने मत आना
जिन्हें नींद नहीं आती उन्हीं को मालूम है, सुबह आने में कितने जमाने लगते है।
जिंदगी रही तो सिर्फ याद तुम्हे ही करेंगे, जिस
दिन याद न करें तो समझना हम मर गये
जरा सा भी नहीं पिघलता दिल तुम्हारा, इतना
क़ीमती पत्थर कहाँ से खरीदा ..❤️🔥
मेरी हर शायरी दिल के दर्द को करता बयां
तुम्हारी आँख न भर आये कही पढ़ते पढ़ते
ना कर जिद अपनी हद में रह ये दिल
वो बड़े लोग हैं अपनी मर्जी से याद करते हैं।
🥺💔🥀
हुस्न के तालाब में नहा कर आए हैं, वो मुझसे
मिलने संवर कर आए हैं।
शतरंज का शौक़ीन नहीं था इसलिए धोखा खा गया…
वो मोहरे चल रहे थे; मैं रिश्तेदारी निभा रहा था…
जो लोग अंदर से मर जाते हैं न, तो फिर वो लोग
दूसरों को जीना सिखाते हैं।
माफ़ी चाहता हू, तेरा गुनहगार हू ए दिल, तुझे उसके हवाले किया जिसे तेरी कदर नहीं.💔
चुप है किसी सबर से तो पत्थर ना समझ हमें
दिल पे असर हुआ है तेरी बात बात का
जो इंसान आपको रोता हुआ छोड़ दे,
यकीन मानिए वो कभी आपका नही हो सकता।💔💯
क्या हुआ उस वादे का जो तुझसे बीते दिन करता था, उसने पूछा। ऐसा मैने कहा, मैं मुकर गया अब खुद से।
इस शहर की दुकानों में, मुझे बेच रहा है हुनर मेरा!!
मैं खरीद रहा हूँ अपने रास्ते , और नीलाम हो रहा सफ़र मेरा!
मारना ही था तो गोली मार देते यूँ पल पल तड़पाने की वजह क्या है
चुप है किसी सबर से तो पत्थर ना समझ हमें
दिल पे असर हुआ है तेरी बात बात का
कोई इतना भी busy नही होता जितना वो हमे दिखता है,
Busy busy बोल के लोग अक्सर हमें इग्नोर करते हैं।
क्या हुआ उस वादे का जो तुझसे बीते दिन करता था, उसने पूछा। ऐसा मैने कहा, मैं मुकर गया अब खुद से।
आज जिस्म में जान है तो देखते नही हैं लोग…जब रूह निकल जाएगी तो कफ़न हटाहटा कर देखेंगे लोग…
कोई था हमारी जिंदगी में जिसे हमारे चुप रहने से भी कभी फर्क पड़ता था, फिर न जाने अचानक क्या हुआ आज रोने से भी फर्क नही पड़ता।
मोहब्बत है या नशा था जो भी था कमाल का था
रूह तक उतारते उतारते जिस्म को खोखला कर गया😭
वो तेरे खत तेरी तस्वीर और सूखे फूल,
बहुत उदास करती हैं मुझको निशानियाँ तेरी।
कुछ लोग मुझे
अपना कहा करते थे साहब !
सच में वो लोग सिर्फ कहा ही करते थे !!
यक़ीन कीजिये साहब
यक़ीन ने ही मारा है.
आँसू आ जाते है रोने से पहले,
ख्वाब टूट जाते है सोने से पहले,
लोग कहते है मोहब्बत गुनाह है,
काश कोई रोक लेते गुनाह होने से पहले।
आज कल वो हमसे डिजिटल नफरत करते हैं,
हमें ऑनलाइन देखते ही ऑफलाइन हो जाते हैं..
प्यार हो या परिंदा,
दोनों को आज़ाद छोड़ दो,
अगर लौट आया तो तुम्हारा,
और अगर न लौटा तो वह तुम्हारा था ही नहीं कभी..
ढूंढ लेते तुम्हे हम, शहर कि भीड़ इतनी भी न थी.. पर रोक दी तलाश हमने क्योंकि तुम खोये नहीं बदल गए थे….
मोहब्बत हार के जीना बहुत मुश्किल होता है,
उसे बस इतना बता देना भरम तोड़ा नहीं करते।
जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें,
हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें,
मर गए हम मगर खुली रही आँखे हमरी,
क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं.
मोहब्बत नाम है जिसका ये ऐसी कैद है यारो
की उम्र बीत जाती है सज़ा पूरी नहीं होती
तुम मुझे जितनी इज़्ज़त दे सकते थे दे दी
अब तुम देखो मेरा सबर और मेरी ख़ामोशी
रुसवा कर के निकला तेरे शहर वालों ने मगर,
तू अब भी यही सोंच, मैं तुझे छोड़ आया।
मैं उस किताब का आख़िरी पन्ना था,
मैं ना होता तो कहानी ख़त्म न होती
इस बस्ती में कौन हमारे आँसू पोंछेगा
जो मिलता है उसका दामन भी भीगा लगता है.
कुछ जख़्म सदियों के बाद भी
ताज़ा रहते है,
फ़राज़ वक़्त के पास भी
हर मर्ज़ की दवा नहीं होती।।
बेवफा लोग बढ़ रहे हैं धीरे धीरे,
इक शहर अब इनका भी होना चाहिए…
शिकायत नहीं ज़िंदगी से,
की तेरे साथ नहीं,
बस तू खुश रहना यार,
अपनी तो कोई बात नहीं..
थक सा गया है मेरी चाहतों का वजूद, अब कोई
अच्छा भी लगे तो… इज़हार नहीं करता
मोहब्बत हार के जीना बहुत मुश्किल होता है,
उसे बस इतना बता देना भरम तोड़ा नहीं करते।
मोहब्बत हार के जीना बहुत मुश्किल होता है,
उसे बस इतना बता देना भरम तोड़ा नहीं करते।
कहाँ मिलता है अब कोई समझने वाला
जोभी मिलता है समझा के चला जाता है
चल मेरे हमनशीं अब कहीं और चल,
इस चमन में अब अपना गुजारा नहीं,
बात होती गुलों तक तो सह लेते हम,
अब काँटों पे भी हक हमारा नहीं।
किसी ने धूल क्या झोंकी
आखों में,
पहले से बेहतर दिखने लगा है
जिस शहर में दिन रात बरसती रहें आँखें
उस शहर को बारिश की ज़रुरत नहीं होती.
अकेले रोना भी क्या खूब कारीगरी है,
सवाल भी खुद के होते है
और जवाब भी खुद के।
आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते
पर वो तारा नहीं टूटता ,जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ
अब न करेंगे,
तुमसे कोई सवाल,
काफी हक़ जताने लगे थे तुमपर,
माफ करना यार..
रोज़-रोज़ जलते हैं, फिर भी खाक़ न हुएं, अजीब हैं
कुछ ख़्वाब भी, बुझ कर भी राख़ न हुएं।
रोज ढलती हुई शाम से डर लगता है,
अब मुझे इश्क के अंजाम से डर लगता है,
जब से मिला है धोखा इस इश्क़ में,
तब से इश्क़ के नाम से भी डर लगता है।
मोहब्बत मुकद्दर है कोई ख़्वाब नही,
ये वो अदा है जिसमें हर कोई कामयाब नही,
जिन्हें मिलती मंज़िल उंगलियों पे वो खुश है,
मगर जो पागल हुए उनका कोई हिसाब नही.
किसी को कितना भी प्यार दे दो
आखिर में उसे थोड़ा कम ही लगता है
मुझे भी याद रखना जब लिखो तारीख वफ़ा की
मैंने भी लुटाया है मोहब्बत मैं सकूँ अपना
एक ये ख्वाहिश के कोई ज़ख्म न देखे दिल का,
एक ये हसरत कि कोई देखने वाला तो होता।
तमाशा न बना मेरी मोहब्बत का
कुछ तो लिहाज़ कर
अपने किए वादों का
जबतक खुद पे न गुजरे
लोगों को हमारे अहसासात और
ज़ज़्बात बस मजाक लगते हैं.
न करना भरोसा इस दुनिया में किसी पर,
मुझे तबाह करने वाला मेरा बड़ा अजीज़ था।
रुठुंगा अगर तुजसे तो इस कदर रुठुंगा की ,,
ये तेरीे आँखे मेरी एक झलक को तरसेंगी !!
एक उम्र बीत चली हैं,
तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर हैं,
कल की तरह..
हज़ार बातें कहें लोग, तुम मेरी
वफ़ा पर यकीन रखना…!
बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी,
फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की बेबसी मेरी।
प्यार किया तुझको दिलोजान से,
इस दिल में तुमको इस कदर बसा लिया,
भुला ना पाया है ये दिल तुझको आज तक,
लेकिन तुमने तो इसे दुख के आंसू रुला दिया.
हाँ याद आया इसके आखरी अलफ़ाज़ ये थे
अगर जी सको तो जी लेना अगर मर जाओ तो अच्छा है
मेरी वफा की कदर ना की अपनी पसन्द पे एतबार किया होता
सुना है वो उनकी भी ना हुई मुझे छोड़ दिया था तो उसे अपना लिया होता
ये वफ़ा की सख़्त राहें ये तुम्हारे पाँव नाज़ुक,
न लो इंतकाम मुझसे मेरे साथ-साथ चल के।
सूखे पत्तों की तरह बिखरे हैं हम तो
किसी ने समेटा भी तो सिर्फ
जलाने के लिए !!
मीठे लोगों से मिला करो
आप जान जाओगे कड़वे लोग सच्चे होते हैं.
अब न खोलो मेरे घर के उदास दरवाज़े,
हवा का शोर मेरी उलझनें बढ़ा देता है।
तुझसे अच्छे तो जख्म हैं मेरे ।
उतनी ही तकलीफ देते हैं जितनी बर्दास्त कर सकूँ
तेरी एक झलक पाने के लिए,
तरश जाता हैं मेरा दिल,
खुश किस्मत हैं वो लोग
जो तुझे रोज देखते हैं..
बहुत करीब से अनजान बनकर गुजरा है वो,
जो बहुत दूर से पहचान लिया करता था कभी..
एक नजर भी देखना गंवारा नहीं उसे,
जरा सा भी एहसास हमारा नहीं उसे,
वो साहिल से देखते रहे डूबना हमारा,
हम भी खुद्दार थे पुकारा नहीं उसे।
माना कि तू नहीं है मेरे सामने
पर तू मेरे दिल में बसता हैं,
मेरे हर दुख में मेरे साथ होता है,
और हर सुख में मेरे साथ हसता है.
मुद्दतों बाद भी नहीं मिलते हम जैसे नायाब लोग
तेरे हाथ क्या लग गए तुमने तो हमे आम समझ लिया
मेरी वफा की कदर ना की अपनी पसन्द पे एतबार किया होता
सुना है वो उनकी भी ना हुई मुझे छोड़ दिया था तो उसे अपना लिया होता
उसे जाने की जल्दी थी
तो मैं आँखों ही आँखों में,
जहाँ तक छोड़ सकता था
वहाँ तक छोड़ आया हूँ।
चाह कर भी पूछ नहीं सकते
हाल उनका !!
डर है कहीं कह ना दे कि
ये हक तुम्हें किसने दिया !!
लौट आया हूँ फिर से अपनी उसी क़ैदे तन्हाई में.
ले गया था कोई अपनी महफ़िलों का लालच देकर.
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